आज की शुरुआत, कोलकाता की पंडाल कथा से करते हैं. क्योंकि बंगाल में दुर्गा पूजा केवल आस्था का उत्सव भर नहीं है. बल्कि कला संस्कृति का महोत्सव भी है. यहां के हर पंडाल की अलग स्टोरी है. एक अलग थीम है. पंडालों के जरिए लोगों से संवाद करना यहां की पुरानी परंपरा है. तो आज हम आपको कोलकाता लिए चलेंगें. और दिखाएंगे हर पंडाल हमसे क्या कुछ कह रहा है.