मथुरा से राधाकृष्ण का जो संबंध है वही नाता शिव-गौरी का काशी से है और यहां के लोग अपने आराध्य के प्रति प्रेम-स्नेह लुटाने-जताने का कोई अवसर नहीं छोड़ते. होली का शुभ अवसर है तो भक्ति के साथ रंगों का भी संगम हो गया है. रंगभरी एकादशी के साथ वाराणसी में होली उत्सव का श्रीगणेश हो जाता है. सालभर उत्सव से सराबोर रहने वाली काशी अब रंगों से खेलने को तैयार है.
Ahead of the Holi festival, the devotees of Lord Shiva in Kashi are ready to play colour with the deity on the occasion of Rangbhari Ekadashi.