चांदनी चौक का दरीबा कलां सोने चांदी के जेवरों के लिए मशहूर है, लेकिन इस सड़क से गुजरते हुए गुलाब चंपा मोगरा समेत कई फूलों की खुश्बू आपका स्वागत करती है. नाम या पता मत पूछिए. इत्र की ये खुश्बू खुद ब खुद आपको दुकान नंबर 320 के सामने ले जाएगी. गुलाब सिंह जौहरीमल की ये दुकान, उस खुश्बू का पता है. जिसका असर लफ्जों में बयान करना मुश्किल है. कमाल ये है कि पिछले करीब 200 वर्षों से ये दुकान अपनी जगह पर कायम हैं. मुगलिया सल्तनत खत्म हो गई, ब्रिटिश हुकूमत चली गई.आजादी के बाद दिल्ली और चांदनी चौक की तस्वीर बदलती गई, लेकिन खुश्बू का ये सिलसिला बदस्तूर जारी है.
There is a shop in Chandni Chowk, Delhi, that is 200 years old. Even today there is no answer for the perfume of this shop. Established in 1650 by the Mughal Emperor Shah Jahan, Chandni Chowk is undoubtedly one of the busiest markets in Delhi.