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हरियाणा के 'दशरथ मांझी' ने पशु-पक्षियों के लिए खोदा तालाब, अकेले की 50 साल तक मेहनत

इंसान में जज्बा और जुनून हो तो वो क्या नहीं कर सकता, आपको बिहार के दशरथ मांझी याद होंगे, जिन्होने अकेले मेहनत करके, पहाड़ का सीना चीरकर रास्ता बना दिया था. आज आपको हरियाणा के एक दशरथ मांझी से मिलाते हैं, जिन्होने अरावली की पहाड़ियों में, 5 हजार फीट की उंचाई पर, एक विशाल तालाब बनाया है, ताकि किसी पशु-पक्षी की प्यास से मौत ना हो. इस काम को कल्लूराम ने अकेले अंजाम दिया, 50 साल लग गए, लेकिन बिना रूके, बिना थके अपने काम को अंजाम देते रहे, और आज ये तालाब पशु-पक्षियों के लिए जीवन दायनी बन चुका है. तालाब 2010 में बनकर तैयार हो गया, जो लोग कल तक कल्लूराम का मजाक उड़ाते थे, अब तारीफ करते हैं, मदद करने के लिए खुद आगे बढ़ते हैं.

Let us introduce you to a Dashrath Manjhi from Haryana, who has built a huge pond in the hills of Aravalli, at a height of 5000 feet, so that no animal and bird die of thirst. This work was done by Kalluram alone.