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किसानों के मिल्क कोऑपरेटिव सोसायटी की कहानी, जिन्होंने 1962 की जंग में जवानों को पहुंचाया दूध

अगर इरादे मजबूत हों, अगर लक्ष्य पर नजर हो तो क्या कुछ नहीं किया जा सकता. भीड़ की जरूरत नहीं होती. मुट्ठी भर लोग मिलकर ही एक बड़ा बदलाव ला सकते हैं. असम मे एक जिला है मोरीगांव जहां पर 64 साल पहले वहां कुछ किसानों ने मिलकर एक मिल्क कोऑपरेटिव सोसायटी की शुरुआत की. जो आज दुध उत्पादक में एक बड़ा ब्रांड बन चुका है. बाढ़ से जूझने वाले असम में इसने किसानों के लिए आमदनी का रास्ता खोला है. दिलचस्प बात ये है कि 1962 में जब चीन के खिलाफ जंग चल रही थी, इस डेयरी ने जवानों के लिए दूध की सप्लाई की थी.

There is a district in Assam, Morigaon, where some farmers together started a milk cooperative society 64 years ago. Which has become a big brand in milk producer today. It has opened avenues of income for farmers in flood-hit Assam. The interesting thing is that in 1962, when the war against China was going on, this dairy supplied milk for the soldiers.