इस वीडियो में पंडित शैलेंद्र पांडेय बता रहे हैं कि ज्योतिष के अनुसार यह ग्रहण कुम्भ राशि और शतभिषा नक्षत्र में आरम्भ होगा. इसका समापन कुम्भ राशि और पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में होगा. यह पूर्ण चंद्रग्रहण भारत वर्ष में दृश्य होगा. स्थिर राशि में ग्रहण होने के कारण इसका प्रभाव अगले छः माह तक दिखाई देगा.