इस वीडियो में पंडित शैलेंद्र पांडेय बता रहे हैं कि घर में ज्यादातर हलके और खूबसूरत रंगों का प्रयोग करना चाहिए. लिविंग एरिया में हलके पीले, गुलाबी या हरे रंग का प्रयोग करना चाहिए.
इस वीडियो में पंडित शैलेंद्र पांडेय बता रहे हैं कि रूद्र और शिव पर्यायवाची शब्द हैं. रूद्र शिव का प्रचंड रूप है. शिव की कृपा से समस्त ग्रह बाधाओं का समस्त समस्याओं का नाश होता है. शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए शिवलिंग पर मन्त्रों के साथ विशेष वस्तुएं अर्पित की जाती हैं. इस पद्धति को रुद्राभिषेक कहा जाता है.
इस वीडियो में पंडित शैलेंद्र पांडेय बता रहे हैं कि बेल नामक वृक्ष की पत्तियों को बेलपत्र कहा जाता है. तीन पत्तियाँ एक ही प्रकार से जुडी होती हैं और इनको एक पत्ता माना जाता है. भगवान शिव की पूजा में बेलपत्र के अदभुत प्रयोग होते हैं. बिना बेलपत्र के शिव जी की पूजा सम्पूर्ण नहीं हो सकती. बेलपत्र के प्रयोग से तमाम बीमारियां गायब की जा सकती हैं. सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा बेलपत्र के साथ करने से चमत्कारी परिणाम मिल सकते हैं.
इस वीडियो में पंडित शैलेंद्र पांडेय बता रहे हैं कि शिव जी आदि अनादि और अनन्त हैं. उन्हें संहार का अधिपति कहा जाता है, हालांकि वे सृजन और पालन के कारण भी हैं. शिव जी आशुतोष हैं और बहुत जल्दी भक्तों की कामना पूरी करते हैं. उनके मन्त्र अगर सामान्य रूप से भी जपे जाएं तो कल्याण होता है. विधिपूर्वक जप करने से किसी भी तरह की कामना पूरी की जा सकती है.
इस वीडियो में पंडित शैलेंद्र पांडेय बता रहे हैं कि सावन महीने में ही जल तत्त्व की मात्रा ज्यादा होती है जो वास्तव में पारिवारिक जीवन का कारक तत्त्व है. मंगल दोष , ग्रहण योग या विवाह न होने का योग सावन में ज्यादा बेहतर तरीके से शांत किया जा सकता है. सावन के महीने के अधिष्ठाता होते हैं शिव जी, जिनकी पूजा से भाग्य बदल सकता है. अगर सावन के महीने में शिव और पार्वती की संयुक्त पूजा की जाए तो न केवल विवाह शीघ्र होता है. बल्कि अगर वैवाहिक जीवन में बाधा है तो वो भी दूर हो जाती है.
इस वीडियो में पंडित शैलेंद्र पांडेय बता रहे हैं कि सावन का महीना हिन्दुओं के पवित्र चातुर्मास में से एक माना जाता है. इस महीने का सम्बन्ध पूर्ण रूप से शिव जी से माना जाता है. इसी महीने में समुद्र मंथन हुआ था और भगवान शिव ने हलाहल विष का पान किया था. हलाहल विष के पान के बाद उग्र विष को शांत करने के लिए भक्त इस महीने में शिव जी को जल अर्पित करते हैं.
इस वीडियो में पंडित शैलेंद्र पांडेय बता रहे हैं कि गुरू पूर्णिमा पर गुरू कृपा कैसे मिलेगी. पूर्णिमा पर गुरू की उपासना कैसे करें. इसके साथ ही यह भी बता रहे हैं कि गुरू पूर्णिमा की महिमा क्या है. गुरू उपासना से मनोकामना कैसे पूरी होगी.
इस वीडियो में पंडित शैलेंद्र पांडेय बता रहे हैं कि बालों का सम्बन्ध मुख्य रूप से बुध और शुक्र से होता है. बुध के कमजोर होने पर बालों के रोगों का सामना करना पड़ता है. शुक्र के कमजोर होने पर बालों की सुन्दरता प्रभावित होती है. अगर बालों को बेहतर करना है और सुन्दर भी बनाना है तो दोनों ही ग्रहों को मजबूत करना होगा.
इस वीडियो में पंडित शैलेंद्र पांडेय बता रहे हैं कि देव शयन एकादशी से ही चातुर्मास की शुरुआत होती है. जो कार्तिक के देव प्रबोधिनी एकादशी तक चलती है. इस समय में श्री हरि विष्णु योगनिद्रा में लीन रहते हैं.
इस वीडियो में पंडित शैलेंद्र पांडेय बता रहे हैं कि इस एकादशी से तपस्वियों का भ्रमण भी बंद हो जाता है. इन दिनों में केवल ब्रज की यात्रा की जा सकती है. इस बार देवशयनी एकादशी 17 जुलाई को है.
इस वीडियो में पंडित शैलेंद्र पांडेय बता रहे हैं कि सूर्यदेव अभी मिथुन राशि में विद्यमान हैं. 16 जुलाई को प्रातः कर्क राशि में उनका प्रवेश होगा. राशि प्रवेश के समय कन्या लग्न का उदय हो रहा है. इस परिवर्तन के परिणाम मिले-जुले होंगे.