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Mahalaya Amavasya 2025: 122 साल बाद पितृपक्ष में दो ग्रहण, ग्रहों की दशा के हिसाब से इतना खास क्यों,अलग-अलग राशियों पर क्या असर पड़ेगा ? समझिए सबकुछ ज्योतिषाचार्यों से

साल का अंतिम सूर्य ग्रहण महालया के दिन लगने जा रहा है, जिसके बाद नवरात्र पर्व की शुरुआत होगी. ज्योतिष के अनुसार, यह एक दुर्लभ खगोलीय घटना है क्योंकि 122 साल बाद ऐसा संयोग बना है जब पितृपक्ष के 15 दिनों के अंतराल में दो ग्रहण लगे हैं. यह सूर्य ग्रहण भारत में दृश्य नहीं होगा, इसलिए यहाँ सूतक के नियम लागू नहीं होंगे. हालांकि, यह ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, फिजी और अंटार्कटिका समेत कुछ अन्य हिस्सों में दिखाई देगा. ज्योतिषीय विश्लेषण के अनुसार, इस ग्रहण का प्रभाव 2025 से 2028 तक देखने को मिल सकता है. इस दौरान सूर्य, चंद्रमा और बुध कन्या राशि में स्थित रहेंगे. गर्भवती महिलाओं को विशेष रूप से सावधानी बरतने की सलाह दी गई है. ग्रहण के समय मंत्र जाप और ग्रहण समाप्त होने पर स्नान-दान का विधान बताया गया है.