अक्षय तृतीया 30 अप्रैल को मनाई जा रही है. इस बार 17 साल बाद रोहिणी नक्षत्र और बुधवार का महासंयोग बन रहा है, साथ ही पारिजात, गज केसरी समेत 10 शुभ योग भी रहेंगे. इस दिन सोना खरीदना, दान, पूजन और यज्ञ करना अक्षय फलदायी माना गया है क्योंकि मान्यता है कि इस दिन का पुण्य कभी समाप्त नहीं होता. अक्षय तृतीया को स्वयं सिद्धि योग माना जाता है, जिसका पुण्य कभी क्षय नहीं होता. इस दिन सोना खरीदना शुभ है, पर सामर्थ्य अनुसार चांदी, गेहूं, पीली सरसों या नए वस्त्र भी खरीद सकते हैं. ज्योतिषीय दृष्टि से भी यह दिन महत्वपूर्ण है, गजकेसरी जैसे शुभ योग बन रहे हैं. खरीदारी से अधिक महत्वपूर्ण दान-पुण्य है; जल, अन्न, वस्त्र आदि का दान करने और भगवान विष्णु, माँ लक्ष्मी व शिव की पूजा-जाप से अक्षय फल मिलता है. राशि अनुसार दान करने से नकारात्मकता कम होती है.