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रेलवे प्लेटफॉर्म से पद्मभूषण तक... Anupam Kher के बेमिसाल सफर की कहानी, देखिए

अनुपम खेर का जीवन संघर्ष और सफलता की एक बेमिसाल कहानी है. शिमला में एक साधारण कश्मीरी ब्राह्मण परिवार में जन्मे अनुपम खेर के पिता वन विभाग में क्लर्क थे और परिवार का गुजारा मुश्किल से होता था. कुछ अलग करने की चाह में अनुपम खेर 17-18 साल की उम्र में घर से निकल गए. मुंबई में काम की तलाश में उन्हें कई रातें रेलवे प्लेटफॉर्म और जुहू बीच पर बितानी पड़ीं. 27 साल की उम्र में महेश भट्ट की फिल्म 'सारांश' में 65 साल के बुजुर्ग का किरदार निभाकर उन्होंने बॉलीवुड में अपनी पहचान बनाई. इस फिल्म को देखने के बाद संजीव कुमार ने कहा था, "मैं इस भूमिका को उस तरह से नहीं निभा सकता था. जीस तरह से इस लड़के ने निभाया है. वो इस भूमिका को निभाने के लिए ही पैदा हुआ था" अनुपम खेर ने अपने चार दशक से अधिक के करियर में 540 से ज्यादा फिल्मों में काम किया है. उन्होंने खलनायक, हास्य अभिनेता और चरित्र अभिनेता के रूप में अपनी बहुमुखी प्रतिभा का प्रदर्शन किया. उन्हें पद्मश्री और पद्मभूषण से सम्मानित किया जा चुका है. उन्होंने अपनी आत्मकथा 'कुछ भी हो सकता है' का 400 से अधिक बार मंचन किया है.