बद्रीनाथ धाम के कपाट 25 नवंबर 2025 को शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए, जिसके साथ ही इस वर्ष की चार धाम यात्रा का समापन हो गया. इस साल रिकॉर्ड 51 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने चार धामों के दर्शन किए, जिसमें अकेले बद्रीनाथ में 17.5 लाख श्रद्धालु पहुंचे. केदारनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री के कपाट पहले ही अक्टूबर में बंद हो चुके हैं. अब अगले छह महीनों तक भगवान बद्री विशाल की शीतकालीन पूजा जोशीमठ के नरसिंह मंदिर में होगी, जबकि भगवान केदारनाथ की पूजा ऊखीमठ के ओंकारेश्वर मंदिर में, मां यमुना की खरसाली में और मां गंगा की मुखवा गांव में होगी. कपाट बंद होने के दौरान मंदिर में एक अखंड दीपक जलाया जाता है, जिसके बारे में मान्यता है कि यह छह महीने बाद कपाट खुलने पर भी जलता हुआ मिलता है.