गोस्वमाी तुलसीदान ने लिखा होईहे वही जो राम रचि राखा. ये शायद अयोध्यानाथ की ही प्रेरणा है जो उनके अवध समय का चक्र एक नए अध्याय की रचना कर रहा है। एक ऐसा अध्याय जिसमें स्वर्ण अक्षरों से लिखा जएगा कि विक्रम संवत 2082 में मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर. यानि 25 नवंबर 2025 को अयोध्या की धरती पर राम मंदिर का निर्माण पूर्ण हुआ. और अयोध्या इन दिनों इसी उमंग की लहरों पर सवार है.