दिल्ली पुलिस का डॉग स्क्वाड अपराधों को सुलझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. जब इंसानी दिमाग जुर्म की तह तक नहीं पहुंच पाता, तब ये वफादार दोस्त अपनी सूंघने की क्षमता से अपराधियों, बारूद और नशीले पदार्थों का पता लगाते हैं. दिल्ली के रोहिणी इलाके में एक हत्या के मामले में, डॉग स्क्वाड ने एक संदिग्ध व्यक्ति की पहचान की, जो बाद में मृतक महिला का पति निकला. इन कुत्तों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है, जिसमें प्यार और धैर्य का उपयोग किया जाता है. एक हैंडलर के अनुसार, "इनके साथ तो प्यार से ही सीखाना पड़ता है और कभी कभी जैसे ऊंची आवाज में बोल दिया तो दो समझ जाता है उस चीज को की मेरा ऐन्डर मेरे से नाराज है" इन्हें लग्जरी जीवनशैली मिलती है, जिसमें एसी और कूलर वाले कमरे, पौष्टिक आहार और नियमित स्वास्थ्य जांच शामिल हैं. बीमार पड़ने पर इन्हें मेडिकल लीव भी दी जाती है. हालांकि इन्हें वेतन नहीं मिलता, लेकिन इनके रहन-सहन और खान-पान पर पूरा खर्च किया जाता है. नई तकनीकों के बावजूद, दिल्ली पुलिस के 64 डॉग्स अभी भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाते हैं, खासकर वीआईपी सुरक्षा और विस्फोटक जांच में. हैंडलर और डॉग के बीच एक गहरा भावनात्मक रिश्ता होता है.