धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने अपने बचपन के संघर्ष की कहानी सुनाई. उन्होंने बताया कि कैसे गरीबी के कारण उनके घर में बिजली नहीं थी और वे दीपक की रोशनी में पढ़ाई करते थे. पड़ोस के अंकल जी के घर टीवी देखने जाने पर उन्हें अपमान का सामना करना पड़ा, जिसके बाद उन्होंने प्रण लिया कि वे तभी टीवी देखेंगे जब अपने पिताजी के लिए खुद टीवी खरीदेंगे. डेढ़ साल के संघर्ष के बाद, उन्होंने ₹38 जोड़कर एक सेकंड हैंड ब्लैक एंड व्हाइट टीवी खरीदी. आज वही अंकल जी धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के प्रवचन टीवी पर देखते हैं. उन्होंने सुंदरकांड के पांच कारणों का भी वर्णन किया और कहा, 'ये महत्वपूर्ण नहीं है कि तुम कहाँ रहते हो. ये महत्वपूर्ण है कि तुम कैसे रहते हो.' उन्होंने श्रोताओं को अपनी बुरी आदतें छोड़ने और दृढ़ संकल्प लेने का आह्वान किया, जिससे उनका घर ही भागेश्वर दरबार बन जाएगा.