एक आध्यात्मिक प्रवचन में, एक कथावाचक ने सत्संग के सात प्रमुख लाभों पर विस्तार से चर्चा की, जिसमें विचार शुद्धि, इंद्रिय निग्रह और बुद्धि शुद्धि शामिल हैं. उन्होंने कहा, 'धन कितना भी तुम धन, धन, धन कर लो, जब मरोगे तो कार्ड में निधन ही लिखेगा.' कथावाचक ने मोबाइल फोन के अत्यधिक उपयोग की कड़ी आलोचना करते हुए इसे आधुनिक जीवन का सबसे बड़ा भटकाव बताया और इसकी तुलना एक ऐसे व्यसन से की जिसमें व्यक्ति पूरी तरह फंस चुका है. उन्होंने रामचरितमानस का उदाहरण देते हुए श्रोताओं को रोज थोड़ा समय सत्संग और भगवत कथा के लिए निकालने की प्रेरणा दी. प्रवचन में इस बात पर भी जोर दिया गया कि धन का सही उपयोग गरीबों की सेवा और जरूरतमंद बेटियों के विवाह जैसे सत्कार्यों में करना चाहिए, क्योंकि अंत में केवल पुण्य कर्म ही साथ जाते हैं.