युद्धकाल में आम लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ने वाले असर और 'वॉर एंग्जायटी' से निपटने के उपायों पर गुड न्यूस टुडे ने विशेषज्ञों से बात की. हेल्थ कोच मीनल पाठक ने शारीरिक मूवमेंट की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा, 'इस सीक्वेंस को ब्रेक करने का एक बहुत सिंपल वे है व्हिच इस मूवमेंट.' डायटीशियन डॉ. शिखा शर्मा ने बताया कि खानपान सीधे हॉर्मोन्स को प्रभावित करता है, वहीं फेक न्यूज़ से दूरी, नियमित दिनचर्या और ब्रीदिंग तकनीकें मानसिक संतुलन हेतु आवश्यक हैं. चारों ओर अशांति और तनाव के माहौल में, विशेषज्ञ मानसिक स्वास्थ्य पर मार्गदर्शन दे रहे हैं. सोशल मीडिया पर सामग्री के प्रति सचेत रहने और अफवाहों को फैलाने से पहले उनकी पुष्टि करने का आग्रह किया गया, जैसा कि एक वक्ता ने कहा, 'पहले इस बात की पुष्टि करें कि ये अफवाह या सही जानकारी उसके बाद ही इसे शेयर करें.' चर्चा में योग, प्राणायाम, संतुलित आहार और सकारात्मक जीवनशैली के माध्यम से चिंता, तनाव और अवसाद को प्रबंधित करने के उपायों पर भी प्रकाश डाला गया. युद्ध जैसे तनावपूर्ण हालात में शरीर और मन पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभावों से बचने के लिए विशेषज्ञों ने खानपान, योग और संगीत को महत्वपूर्ण बताया है. एक विशेषज्ञ के अनुसार, 'बिना वजह हम खुद को डिस्टर्ब कर रहे हैं अपने ही घर में बैठ के जिससे कहीं पे हमारा वॉर में या अपने देश के लिए कोई कॉन्ट्रिब्यूशन नहीं है. लेकिन उल्टा हमने अपनी हेल्त खराब कर ली है.' विशेषज्ञों ने सात्विक भोजन, शवासन जैसे योगासन, ओम ध्वनि के जाप और शांत संगीत सुनने की सलाह दी है ताकि तनाव को नियंत्रित किया जा सके और सकारात्मकता बनी रहे.