चंद्रशेखर तिवारी का जन्म 23 जुलाई 1906 को भाबरा गाँव में हुआ था. केवल 14 वर्ष की आयु में वे महात्मा गांधी के असहयोग आंदोलन में शामिल हुए और गिरफ्तारी के दौरान अदालत में अपना नाम 'आजाद' बताया, जिसके बाद वे इसी नाम से प्रसिद्ध हुए. चौरी चौरा कांड के बाद आंदोलन वापस लिए जाने पर वे हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन के सदस्य बन गए. संगठन के लिए धन एकत्र करने हेतु उन्होंने 9 अगस्त 1925 को हुए काकोरी कांड में सक्रिय भूमिका निभाई. बाद में, भगत सिंह के साथ मिलकर उन्होंने लाला लाजपत राय की मृत्यु का प्रतिशोध लेने के लिए जॉन सॉन्डर्स की हत्या की. उन्होंने प्रण लिया था कि वे कभी भी पुलिस के हाथ नहीं आएंगे. 27 फरवरी 1931 को इलाहाबाद के अल्फ्रेड पार्क में पुलिस मुठभेड़ के दौरान, अपना प्रण निभाते हुए उन्होंने आखिरी गोली से खुद को मारकर शहादत प्राप्त की.