गणेश उत्सव, जो अब से एक हफ्ते बाद शुरू होगा, पूरे भारत और दुनिया के कई हिस्सों में धूमधाम से मनाया जाता है. महाराष्ट्र में इसका सबसे गहरा रंग दिखता है, जहाँ यह उत्सव सदियों पुरानी परंपराओं को वर्तमान से जोड़ता है. कोंकण में गणपति पूजन की परंपरा कई राजवंशों से होते हुए छत्रपति शिवाजी और फिर पेशवा के दौर में समृद्ध हुई. इतिहास बताता है कि सात वाहन, राष्ट्रकूट और चालुक्य राजाओं ने गणेशोत्सव की शुरुआत करवाई थी. छत्रपति शिवाजी महाराज और माँ जीजाबाई ने पुणे के कस्बा गणपति का पुनर्निर्माण किया.