बच्चों की दुनिया मासूम होती है, बच्चे जो देखते हैं, जो सुनते हैं, उन पर उसका गहरा असर होता है. अभी तक हमारे बच्चों को सिखाना बताना परिवार वालों का काम था लेकिन आज की दुविधा दूसरी तरह की है. बच्चे परिवार के साथ कम और मोबाइल और सोशल मीडिया पर वक्त ज्यादा गुजार रहे हैं. ऑनलाइन गेम्स ने बच्चों की दुनिया ही बदल दी है. अब ये आवाज उठने लगी है कि क्या बच्चों के लिए सोशल मीडिया के इस्तेमाल की उम्र तय कर देनी चाहिए? कर्नाटक हाईकोर्ट ने भी कुछ इसी ओर इशारा किया है और सरकार को सुझाव दिया है कि वो इस बारे में सोचे.
In this episode, experts discuss how Social Media affects teenagers and whether there should be any legal age for using social media.