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Army News: स्वदेशी तोपों से देश का गौरव, जानें भारतीय आर्टिलरी का इतिहास और दम

भारत में स्वतंत्रता दिवस हो या गणतंत्र दिवस का मौका, हर राष्ट्रपर्व पर 21 तोपों की सलामी की परंपरा रही है. हर साल राष्ट्रगान के पूरे 52 सेकंड्स तक ये तोपें गरजती हैं. इस परंपरा की शुरुआत ब्रिटिश शासन के दौरान हुई थी, जब खास व्यक्तियों को तोपों की सलामी दी जाती थी. बाद में ब्रिटेन ने 21 तोपों की सलामी को अंतरराष्ट्रीय मानक के रूप में तय किया. आजादी के बाद खास मौकों पर राष्ट्रध्वज के सम्मान में सलामी दी जाने लगी. तोपों की सलामी के इतिहास में नया अध्याय तब जुड़ा जब भारत में बनी तोपों का इस्तेमाल होने लगा. देश के जश्न में देश की शक्ति की झलक दिखाई देने लगी. भारतीय सेना की आर्टिलरी का आज दुनिया में बोलबाला है. हाल के सालों में भारत ने अपनी जमीन पर रक्षा उपकरणों का निर्माण तेजी से बढ़ाया है, जिससे आयुध भंडार स्वदेशी आर्टिलरी से लैस होता जा रहा है. भारतीय आर्टिलरी ने 1965, 1971 और 1999 के युद्धों में दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब दिया है. भारत की तोपों का दम रेगिस्तान से लेकर हिमालय तक सुनाई दिया है.