भारत में ड्रोन तकनीक तेजी से विकसित हो रही है और यह रक्षा, कृषि और लॉजिस्टिक्स क्षेत्रों में क्रांतिकारी बदलाव ला रही है. रक्षा क्षेत्र में, कामीकाज़े ड्रोन, जिन्हें सुसाइड ड्रोन भी कहा जाता है, विस्फोटक पेलोड से लैस होकर लक्ष्यों पर हमला करने में सक्षम हैं. ये ड्रोन 'मेक इन इंडिया' पहल के तहत बनाए जा रहे हैं और ऑप्टिकल फाइबर तकनीक तथा छोटे आकार के कारण रडार से बचने में सक्षम हैं. भारतीय सेना पहले ड्रोन और यूएवी के लिए दूसरे देशों पर निर्भर थी, लेकिन अब 70-80% तक इंडिजिनाइजेशन हो चुका है. कृषि क्षेत्र में, ड्रोन कीटनाशकों और दवाओं का छिड़काव, फसलों की निगरानी, मिट्टी की गुणवत्ता जांचने और जंगली जानवरों से फसलों की सुरक्षा में उपयोग हो रहे हैं. ये फसल के नुकसान का सटीक अनुमान लगाकर बीमा कंपनियों की भी मदद कर सकते हैं. देखिए स्पेशल रिपोर्ट.