ओडिशा के पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा का आयोजन हर साल किया जाता है. इस साल 27 जून को रथ यात्रा का शुभारंभ हुआ, जिसमें भगवान जगन्नाथ अपने बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ गुंडिचा मंदिर गए. 28 जून को भगवान ने गुंडिचा मंदिर में प्रवेश किया, जहाँ वे नौ दिनों तक ठहरे. 1 जुलाई को हेरा पंचमी पर माँ लक्ष्मी पालकी में सवार होकर मौसी बाड़ी पहुंचीं और महाप्रभु के रथ नंदी घोष को तोड़ने की परंपरा का निर्वाह किया. 4 जुलाई को संध्या आरती का आयोजन किया गया और 5 जुलाई को भगवान वापस अपने श्री मंदिर में लौटे, जिसे बहुड़ा यात्रा कहा जाता है.