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Maa Chandraghanta: मां चंद्रघंटा की पूजा से पाएं भय मुक्ति, साहस और आत्मविश्वास!..जानिए महिमा

नवरात्र के तीसरे दिन माँ चंद्रघंटा की पूजा का विशेष महत्व है. माँ चंद्रघंटा को राक्षसों का वध करने वाला कहा जाता है. इनकी उपासना से जन्म जन्मांतर के पाप और कष्टों से मुक्ति मिलती है. माँ चंद्रघंटा की पूजा से भय से मुक्ति मिलती है, साहस और शक्ति में अपार वृद्धि होती है. यह रूप शांति, साहस और कल्याण का प्रतीक माना जाता है. बाग पर सवार माँ का तेजस्वी रूप भक्तों को निर्भय बनाता है, वहीं उनका सौम्य स्वरूप शांति और सुख प्रदान करता है. धर्म और ज्योतिष के विशेषज्ञों के अनुसार, माँ चंद्रघंटा की उपासना से मंगल की समस्याओं का निवारण भी होता है. कुंडली में मंगल कमजोर है या मंगल दोष है तो देवी की उपासना बेहद कारगर है. माँ चंद्रघंटा की आराधना से साधक में वीरता और निर्भयता के साथ ही सौम्यता और विनम्रता का विकास होता है. उनके व्यक्तित्व में तेज, आकर्षण और मधुरता स्वतः बढ़ जाती है. माँ चंद्रघंटा की पूजा में घंटे को जरूर बजाना चाहिए, जिससे नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है.