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Achhi Baat Dhirendra Shastri ke Saath: मंदोदरी ने बताया रावण की हार का सच... देखिए अच्छी बात धीरेंद्र शास्त्री के साथ

यह कथा भगवान शंकर और हनुमान जी के अभिन्न संबंध से प्रारंभ होती है, जहाँ शंकर जी को स्वयं हनुमान जी का रूप बताया गया है. कथा में इस बात पर जोर दिया गया है कि राम चरित्र, कृष्ण चरित्र और हनुमान चरित्र जैसे पवित्र चरित्रों को ही सुनाया जाता है, क्योंकि आज के समय में लोगों का चित्र तो सुंदर है, पर चरित्र गिर गया है. हनुमान जी का चरित्र सुनने से मन और चरित्र दोनों शुद्ध होते हैं. रावण वध के बाद, प्रभु श्री राम लंका में विराजमान थे. तभी रावण की पत्नी मंदोदरी उनके सामने आईं. मंदोदरी ने राम से पूछा कि उनके पति में ऐसी क्या कमी थी कि वे हार गए और राम जीत गए. मंदोदरी ने कहा, "एक मेरा पति था जो दूसरों की स्त्री को अपना बनाना चाहता था और एक राम तुम हो छाया देख कर के भी माँ से संबोधित करते हो." यह राम के पवित्र चरित्र का प्रमाण है. जीवन में कर्मों की कमाई ही साथ जाती है, धन-दौलत या परिवार नहीं. इसलिए आज से ही राममय जीवन जीने का संदेश दिया गया है.