मोहनलाल को 23 सितंबर को दिल्ली के विज्ञान भवन में भारतीय सिनेमा के सर्वोच्च सम्मान दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें यह प्रतिष्ठित सम्मान प्रदान किया। सम्मान मिलने के बाद मोहनलाल ने इसे व्यक्तिगत उपलब्धि मानने की बजाय पूरी मलयालम फिल्म इंडस्ट्री को समर्पित कर दिया। उन्होंने कहा, "यह पल सिर्फ मेरा नहीं, यह पूरे मलयालम सिनेमा बिरादरी का है। मैं इस सम्मान को हमारी इंडस्ट्री की विरासत, रचनात्मकता और जुझारूपन के लिए एक सामूहिक श्रद्धांजलि के रूप में देखता हूँ।" मोहनलाल का 45 साल का शानदार करियर है, जिसमें उन्होंने 400 से अधिक फिल्में की हैं और 50 से ज्यादा ब्लॉकबस्टर दी हैं। उन्हें पहले भी पांच राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार, 2001 में पद्मश्री और 2019 में पद्मभूषण से नवाजा जा चुका है। 2013 में उन्हें वर्ल्ड ताइक्वांडो हेडक्वॉर्टर द्वारा ऑनरेरी ब्लैक बेल्ट भी प्रदान किया गया था। उनकी विनम्रता और कला के प्रति समर्पण ने सभी को प्रभावित किया।