नवरात्रि के दूसरे दिन माँ ब्रह्मचारिणी की उपासना की जाती है. माँ ब्रह्मचारिणी को तपस्या और संयम की देवी माना जाता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, देवी पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए घोर तपस्या की थी, जिसके कारण उनका नाम ब्रह्मचारिणी पड़ा. माँ ब्रह्मचारिणी की साधना से साधक को ज्ञान, तप, सिद्धि और वैराग्य का वरदान मिलता है. इनकी उपासना से सांसारिक भोग विलास की जगह आत्मसंयम और सदाचार का फल प्राप्त होता है.