परेश रावल, जिनकी उम्र 70 पार है, का संघर्षमय जीवन आज की युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत है. उन्होंने साबित किया है कि बिना किसी सहारे के भी अपनी मेहनत, लगन और हौसले से कामयाबी हासिल की जा सकती है. हेरा फेरी के बाबू भैया के किरदार से उन्हें इतनी घुटन होने लगी थी कि उन्होंने हेरा फेरी 3 को बीच में ही छोड़ देने का फैसला कर लिया था. उन्होंने फिल्म का साइनिंग अमाउंट ₹11,00,000, 5% ब्याज के साथ लौटा दिया था. हालांकि, बाद में वे फिल्म पूरी करने के लिए राजी हो गए. परेश रावल ने 1975 में स्वरूप संपत को पहली नजर में अपनी पत्नी बनाने का फैसला कर लिया था, जो बाद में 1979 में मिस इंडिया बनीं. 1996 में घातक फिल्म की शूटिंग के दौरान घुटने में गंभीर चोट लगने पर उन्होंने वीरू देवगन की सलाह पर अपना यूरिन पीकर खुद को ठीक किया. उन्होंने 240 से ज्यादा फिल्मों में काम किया है, जिसमें एक ऑल टाइम ब्लॉकबस्टर और नौ ब्लॉकबस्टर फिल्में शामिल हैं. 2014 में अहमदाबाद से सांसद बनने के बाद, जब उन्हें लगा कि वे जनता का काम नहीं कर पा रहे हैं, तो उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव में उम्मीदवारी ठुकरा दी. उन्होंने कहा, "मुझे आपका दुख दर्द अगर मैं नहीं सॉल्व कर सकता हूँ तो मुझे इस सीट पे बैठने का कोई अधिकार नहीं है।" उन्होंने 2014 में एमपी आवास लेने से भी इनकार कर दिया था. उन्हें 1994 में राष्ट्रीय पुरस्कार और 2013 में पद्मश्री से सम्मानित किया जा चुका है.