रूस ने हाल ही में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के नेतृत्व में अपने तीन सबसे खतरनाक सामरिक हथियारों का परीक्षण कर दुनिया में हलचल मचा दी है. इनमें असीमित रेंज की परमाणु ऊर्जा से चलने वाली क्रूज मिसाइल 'ब्यूरोवेस्टनिक', परमाणु सुनामी लाने में सक्षम अंडरवाटर ड्रोन 'पोसाइडन', और आवाज से 27 गुना तेज हाइपरसोनिक मिसाइल 'एवनगार्ड' शामिल हैं. इन हथियारों की क्षमता मौजूदा मिसाइल डिफेंस सिस्टम को चकमा देने की है, जिससे वैश्विक शक्ति संतुलन पर नए सवाल खड़े हो गए हैं. इसी संदर्भ में, भारत के मिसाइल कार्यक्रम की ताकत का विश्लेषण किया गया, जिसमें अग्नि-5 और हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डेमोंस्ट्रेटर व्हीकल (HSTDV) पर विशेष ध्यान दिया गया. भारत अब अमेरिका, रूस और चीन जैसे देशों के साथ मिसाइल तकनीक में खड़ा है. अग्नि-5 की मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल (MIRV) तकनीक एक ही मिसाइल से कई लक्ष्यों को भेदने की क्षमता प्रदान करती है. भारत के सफल HSTDV परीक्षण ने देश को हाइपरसोनिक मिसाइल विकसित करने की क्षमता दी है. रिपोर्ट में पृथ्वी, अग्नि और ब्रह्मोस जैसी भारतीय मिसाइल प्रणालियों की क्षमताओं का भी उल्लेख है, जो देश की रक्षा तैयारियों को मजबूत करती हैं.