कवि साइको शायर, जिनका असली नाम अभिजीत बालकृष्ण मुंडे है, ने अपनी एक प्रस्तुति में आधुनिक कविता और कवियों की पहचान पर बात की. उन्होंने कवियों से जुड़ी पारंपरिक धारणाओं को चुनौती दी और अपनी मराठी पृष्ठभूमि का उल्लेख किया. इस दौरान उन्होंने भगवान राम पर एक कविता प्रस्तुत की, जिसमें उन्होंने राम के वास्तविक चरित्र और राजनीतिक स्वार्थ के लिए उनके नाम के उपयोग के बीच अंतर पर जोर दिया. अपनी कविता में, साइको शायर कहते हैं, 'निजी स्वार्थ के खातिर अगर कोई राम नाम को गाता हो तो खबरदार कर जुर्रत किये और मेरे राम को बांटा तो'. उन्होंने श्रोताओं को चेताया कि राम का नाम लेने से पहले उनके द्वारा स्थापित मर्यादा और त्याग के आदर्शों को समझना आवश्यक है. शायर ने राम और कृष्ण के चरित्रों के बीच के अंतर को भी समझाया, जैसा कि उनके दादाजी ने उन्हें सिखाया था, और कहा कि घर में 'रामराज्य' और बाहर 'महाभारत' के लिए कृष्ण को रखना चाहिए.