सावन का पवित्र महीना चल रहा है, जिसमें पूरा देश शिव भक्ति में लीन है। उत्तर भारत में सावन का आधा महीना बीत चुका है, जबकि गुजरात, महाराष्ट्र और दक्षिण भारत में आज से सावन की शुरुआत हुई है, जो 22 अगस्त तक चलेगा। इस दौरान देश के कोने-कोने में महादेव का जयघोष हो रहा है। जी एंड टी स्पेशल में आज रामेश्वरम, मल्लिकार्जुन, भीमाशंकर, नागेश्वर, त्र्यंबकेश्वर और घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंगों के दर्शन कराए गए। रामेश्वरम धाम की स्थापना मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम ने की थी। रामचरित मानस में तुलसीदास लिखते हैं कि श्रीराम ने कहा था, "शिव जीके समान मुझको दूसरा कोई प्रिय नहीं है।" मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग की कथा शिव परिवार से जुड़ी है, जिसमें गणेश और कार्तिकेय के विवाह का प्रसंग है। भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग की कहानी रावण के पुत्र भीमा से संबंधित है। नागेश्वर ज्योतिर्लिंग में महादेव नागों के अवतार में पूजे जाते हैं, जिसकी कथा महाभारत काल से भी जुड़ी है। त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग में ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों एक साथ विराजते हैं। घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग सबसे छोटा है, जहाँ 101 शिवलिंगों की पूजा होती है।