देवउठनी एकादशी के साथ ही मांगलिक कार्यों पर लगा चार महीने का विराम समाप्त हो गया है. इस दिन भगवान विष्णु योग निद्रा से जागते हैं और सृष्टि का संचालन फिर से संभालते हैं. ज्योतिष विशेषज्ञों के अनुसार, यह दिन इतना पुण्यदायी है कि इसका व्रत अश्वमेध यज्ञ के बराबर फल देता है. इस अवसर पर तुलसी और शालिग्राम का विवाह कराने से दांपत्य जीवन की परेशानियां दूर होती हैं और अविवाहितों के विवाह का योग बनता है. इस बार शादी के सीजन में 6.5 लाख करोड़ के विशाल कारोबार की उम्मीद है, जिससे बाजार में बड़ी रौनक लौटेगी.