राजराजेश्वरी, ललिता गौरी, लीलावती, षोडशी पुराणों में इनके अलावा और भी जाने कितने ही नामों से देवी त्रिपुर सुंदरी का वर्णन मिलता है, जिन देवी के नाम में ही सुंदरी है वो अपने भक्तों को हमेशा रूप, यौवन और सौंदर्य का वरदान भी देती हैं. मां त्रिपुर सुंदरी को देवी पार्वती का तांत्रिक स्वरूप भी माना जाता है. जिसके चलते दुनिया भर से तंत्र-मंत्र की साधना के लिए साधक यहां जुटते हैं. दिवाली पर यहां विशाल मेले के आयोजन होता है. इन दिनों इस मंदिर में नवरात्रि के चलते भक्तों का रैला लगा हुआ है. देवी मां अपने इस धाम में त्रिपुरेश्वरी देवी के रूप में विराजमान हैं. माताबाड़ी के नाम से प्रसिद्ध ये मंदिर देवी सती के 51 शक्ति पीठों में से एक है. मां के इस धाम में माता सती के दाहिने पैर का अंगूठा गिरा था जिससे ये देव स्थान शक्तिपीठ बन गया. जहां मां सती को त्रिपुरसुंदरी और भगवान शिव को त्रिपुरेश कहा जाता है.
Maa Tripura Sundari is also considered a tantric form of Goddess Parvati. Due to which seekers from all over the world gather here for the practice of tantra-mantra. A huge fair is organized here on Diwali. These days there is a rally of devotees in this temple due to Navratri. Mother Goddess is seated in this Dham in the form of Tripureshwari Devi.