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Acchi Baat: गुरु ने दिया श्राप, शिष्य बन गया चमत्कारी! मन की शांति और ईश्वर प्राप्ति का अचूक उपाय जानें, देखिए अच्छी बात धीरेंद्र शास्त्री के साथ

इस प्रवचन में मन के अंतहीन इच्छाओं पर नियंत्रण और ईश्वर-भक्ति के महत्व पर प्रकाश डाला गया है. धीरेंद्र शास्त्री ने संत तुकाराम और गुजरात के डब्बू महाराज व उनके गुरु अवधूतानंद की कथाओं के माध्यम से अपनी बात रखी. प्रवचन का एक महत्वपूर्ण सूत्र है, 'गुरु शिष्य का गुरुनाश करता है', जिसका अर्थ है कि सच्चा गुरु शिष्य के अहंकार का नाश करता है. कथा के अनुसार, गुरु अवधूतानंद ने क्रोध में अपने शिष्य डब्बू को 'मरिहो लोटा सु खपड़िया फूट जइयो' का श्राप रूपी मंत्र दिया। शिष्य ने इसी वाक्य को गुरुमंत्र मानकर इतनी श्रद्धा से जपा कि उसमें चमत्कार करने की शक्ति आ गई और उसने एक राजकुमार को ठीक कर दिया. यह कथा गुरु के वाक्यों में अटूट विश्वास के फल को दर्शाती है और बताती है कि नकारात्मकता में भी सकारात्मकता कैसे खोजी जा सकती है.