एजेंडा आजतक और गुड न्यूज़ टुडे के विशेष सत्र में देश के शीर्ष डॉक्टरों ने 'स्किनी पेन्स' यानी वेट लॉस इंजेक्शन (GLP-1 ड्रग्स) के बढ़ते चलन और इससे जुड़े खतरों पर महत्वपूर्ण चर्चा की. फोर्टिस के चेयरमैन डॉ. अशोक सेठ, मेदांता की डॉ. परजीत कौर और PHFI की डॉ. मोनिका अरोड़ा जैसे विशेषज्ञों ने बताया कि ये दवाएं सिर्फ कॉस्मेटिक इलाज नहीं, बल्कि गंभीर मेटाबॉलिक बीमारियों के लिए हैं. डॉ. सेठ ने चेतावनी दी कि बिना डॉक्टरी सलाह के इन इंजेक्शन का इस्तेमाल जानलेवा हो सकता है. विशेषज्ञों ने स्पष्ट किया कि ये दवाएं भूख कम करके हार्ट अटैक और फैटी लिवर का जोखिम घटा सकती हैं, लेकिन इनके साइड इफेक्ट्स में मसल लॉस और थायराइड कैंसर का खतरा भी शामिल है. डॉ. परजीत कौर ने 'स्किनी फैट' (बाहर से पतले, अंदर से बीमार) और 'टोफी' सिंड्रोम पर जोर देते हुए कहा कि यह कोई शॉर्टकट नहीं है और इसे जीवनशैली में बदलाव के साथ ही अपनाना चाहिए.