GNT पर दिवाली के विशेष कवि सम्मेलन में कवियों ने भविष्य की दिवाली से लेकर सरहद पर तैनात सैनिकों के त्याग और सामाजिक संदेशों पर अपनी कविताओं से समां बांध दिया. कवियों ने 2047 की दिवाली की एक अनोखी तस्वीर पेश की, जहां पटाखे शायद म्यूजियम में मिलेंगे और लोग AI से होने वाली आतिशबाजी देखेंगे. एक कवि ने अपनी कविता में कहा, 'मंदिर तो धूमधाम से बना लिया अब तो, कलयुग के रावणों से अपनी सीता बचा लो'. इस कार्यक्रम में पुरानी दिवाली की यादों को ताजा किया गया, जब पूरा परिवार साथ मिलकर त्योहार मनाता था. कवियों ने उन सैनिकों और उनके परिवारों के बलिदान को भी याद किया, जिनकी वजह से देश सुरक्षित दिवाली मना पाता है. कविताओं के माध्यम से आपसी भाईचारे और प्रदूषण मुक्त दिवाली मनाने का भी संदेश दिया गया.