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Guru Purnima 2025: कौन हो सकता है आपका गुरु, कैसे करें गुरु की उपासना ? जानिए शैलेंद्र पांडेय से

आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है और इसी दिन महर्षि वेदव्यास का जन्म भी हुआ था, इसलिए इसे व्यास पूर्णिमा भी कहते हैं. इस दिन से ऋतु परिवर्तन भी होता है. शिष्य इस दिन अपने गुरु की विशेष पूजा करते हैं और यथाशक्ति उन्हें दक्षिण, पुष्प, वस्त्र आदि भेंट करते हैं. शिष्य अपने सारे अवगुणों को गुरु को अर्पित कर देते हैं और अपने जीवन का भौतिक, आध्यात्मिक हर तरह का भार गुरु को दे देते हैं.