सावन का पावन महीना 11 जुलाई 2025 से आरंभ हो रहा है और 9 अगस्त तक चलेगा। इस महीने का संबंध भगवान शिव से माना जाता है। मान्यता है कि सावन में समुद्र मंथन हुआ था और भगवान शिव ने हलाहल विष का पान किया था। विष के ताप को शांत करने के लिए भक्त इस महीने में शिव जी को जल अर्पित करते हैं। कार्यक्रम में बताया गया कि "पूरे साल भर पूजा करके जो फल पाया जाता है वो फल केवल सावन में पूजा करके भी पाया जा सकता है तपस्या के लिए, साधना के लिए और वरदान प्राप्ति के लिए। सावन का महीना विशेष शुभ है।"
आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है और इसी दिन महर्षि वेदव्यास का जन्म भी हुआ था, इसलिए इसे व्यास पूर्णिमा भी कहते हैं. इस दिन से ऋतु परिवर्तन भी होता है. शिष्य इस दिन अपने गुरु की विशेष पूजा करते हैं और यथाशक्ति उन्हें दक्षिण, पुष्प, वस्त्र आदि भेंट करते हैं. शिष्य अपने सारे अवगुणों को गुरु को अर्पित कर देते हैं और अपने जीवन का भौतिक, आध्यात्मिक हर तरह का भार गुरु को दे देते हैं.
ज्योतिष में ग्रहों का अध्ययन कर भविष्य को समझा जाता है। कुछ ग्रहों के योग जीवन में मुश्किलें बढ़ा सकते हैं। आज के कार्यक्रम में अंगारक योग पर विस्तार से बात की गई, जिसे अत्यंत विस्फोटक और ताकतवर बताया गया। अंगारक योग तब बनता है जब कुंडली में मंगल और राहु का संयोग होता है। इस योग के बारे में बताया गया कि "जब कुंडली में मंगल राहु का संयोग होता है तो अग्नि तीव्र हो जाती है.
किस्मत कनेक्शन में सूर्य और चंद्र की राशियों के बारे में बात की गई है। सूर्य की राशि सिंह है, जो अग्नितत्व की प्रमुख राशि मानी जाती है। सिंह राशि को नेतृत्व, साहस, संघर्ष और राजनीति की राशि कहा जाता है। यह राशि शरीर की हड्डियों, हृदय, लिवर और विद्या के लिए महत्वपूर्ण होती है। सिंह राशि की कमजोरी अति आत्मविश्वास है और इन्हें मूंगा धारण करने तथा गायत्री मंत्र का जप करने की सलाह दी गई है। चंद्रमा की राशि कर्क है, जो शत प्रतिशत जल तत्व की राशि है। कर्क राशि कल्पना, सौंदर्य, दया, करुणा और ज्ञान से जुड़ी है.
किस्मत कनेक्शन शो में चातुर्मास के महत्व पर चर्चा की गई. 7 जुलाई 2025 से चातुर्मास का आरंभ हो गया है और यह 1 नवंबर तक चलेगा. इस अवधि में श्री हरि विष्णु योग निद्रा में लीन रहते हैं. कार्यक्रम में बताया गया कि "इन चार महीनों में श्री हरि विष्णु योग निद्रा में लीन रहते हैं इसीलिए किसी भी शुभ कार्य को करने की मनाही होती है" चातुर्मास हिंदू धर्म के चार विशेष महीने हैं जिनमें श्रावण, भाद्रपद, अशविन और कार्तिक शामिल हैं. आषाढ़ शुक्ल एकादशी को देव शयन से इसकी शुरुआत होती है और कार्तिक शुक्ल एकादशी को देवोत्थान से इसका समापन होता है. इस दौरान मांगलिक कार्य जैसे शादी-विवाह और गृह निर्माण नहीं किए जाते हैं, लेकिन आध्यात्मिक कार्य किए जा सकते हैं. चातुर्मास में भगवान शिव, भगवान कृष्ण, देवी और पितरों की उपासना का विशेष महत्व है. इस अवधि में एक समय भोजन करने, सात्विक रहने, मांस, मदिरा, प्याज, लहसुन का सेवन न करने और अधिक जल पीने का नियम बताया गया है. श्रावण में साग, भाद्रपद में दही, अशविन में दूध और कार्तिक में दाल का सेवन न करने की सलाह दी गई है. यह समय जप, तप और साधना के लिए अत्यंत पवित्र माना गया है.
किस्मत कनेक्शन के इस अंक में, शैलेंद्र पांडेय ने शनि की दो राशियों, मकर और कुंभ, की विशेषताओं पर प्रकाश डाला. 6 जुलाई 2025 के पंचांग के अनुसार, यह बताया गया कि मकर पृथ्वी तत्व की राशि है जिसके लिए शनि धन और समृद्धि देते हैं, जबकि कुंभ वायु तत्व की राशि है जिसे शनि ज्ञान और अध्यात्म प्रदान करते हैं. कुंभ को शनि की अधिक प्रिय राशि माना जाता है. कार्यक्रम में मकर राशि की कमजोरी अहंकार और कुंभ राशि की कमजोरी आलस्य और लापरवाही बताई गई. एक महत्वपूर्ण उद्धरण में कहा गया, "कुंभ राशि वालों की सबसे बड़ी कमजोरी है आलस्य और लापरवाही" इसके अलावा, सभी 12 राशियों के लिए दैनिक राशिफल, नौकरी पाने के लिए एक लकी टिप और दिन को सफल बनाने के लिए एक सक्सेस मंत्र भी साझा किया गया.
आज किस्मत कनेक्शन में पंडित शैलेंद्र पांडेय ने शुक्र की राशियों के बारे में बताया है. पंडित जी ने ने बताया कि शुक्र की मुख्य रूप से दो राशियां हैं. वृषभ राशि और तुला राशि। वृषभ राशि पृथ्वी तत्व की राशि है जबकि तुला राशि वायु तत्व की राशि है। यह भी बताया गया कि तुला राशि को शुक्र की शुभ राशि और शुक्र के ज्यादा निकट माना जाता है. कार्यक्रम में कहा गया, "शुक्र की ये दोनों राशियां अपने बेसिक स्वभाव में बिल्कुल अलग होती है. एक राशि अनुशासन वाली है और एक राशि कंट्रोल में नहीं आती.
आज किस्मत कनेक्शन में पंडित शैलेंद्र पांडेय बृहस्पति की राशियों के बारे में बता रहे हैं. पंडित जी के अनुसार धनु और मीन के बारे में विस्तार से बताया. बृहस्पति को आकाश तत्व का ग्रह माना जाता है और यह धनु व मीन दो राशियों के स्वामी हैं. धनु राशि अग्नि तत्व की ऊर्जावान राशि है, जबकि मीन राशि जल तत्व की सौम्य राशि है. धनु राशि बृहस्पति की सकारात्मक और मीन राशि नकारात्मक मानी जाती है.
किस्मत कनेक्शन में शैलेंद्र पांडेय ने बुध की राशियों के बारे में बात की है. ज्योतिष में कुल 12 राशियां होती हैं, जिनमें से मिथुन और कन्या राशि के स्वामी बुध हैं। कार्यक्रम में बुध की इन दोनों राशियों की विशेषताओं पर विस्तार से बताया गया। मिथुन राशि को आकर्षण और बुद्धिमता की राशि माना जाता है। मिथुन राशि के लोग हाजिर जवाब, चपल और आकर्षक होते हैं। इनकी सबसे बड़ी कमजोरी दुविधा और लापरवाही है.
हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए मंगलवार को सिन्दूर अर्पित करना चाहिए - अगर मंगल बाधा दे रहा हो या कोई विशेष संकट हो तो हनुमान जी को चमेली का तेल और सिन्दूर अर्पित करना चाहिए. पुरुष हनुमान जी को सिन्दूर अर्पित भी कर सकते हैं और लेपन भी परन्तु महिलाओं को सिन्दूर अर्पित नहीं करना चाहिए. वहीं देवी को प्रसन्न करने के लिये बुधवार या शुक्रवार को सिन्दूर अर्पित किया जाता है. देवी को सिन्दूर अर्पित करने से विवाह सम्बन्धी समस्यायें दूर होती है. पुरुष देवी को सिंदूर अर्पित नहीं कर सकते. महिलायें अपनी आवश्यकतानुसार देवी की मांग में सिंदूर लगा सकती हैं.
ज्योतिष के अनुसार, विभिन्न रत्नों के प्रयोग से रोगों को दूर किया जा सकता है। माणिक्य हृदय और हड्डियों के लिए, मोती शीत रोग और रक्तचाप के लिए, तथा मूंगा कमजोरी और बुखार में लाभकारी है। हालांकि, नीलम, गोमेध और लहसुनियां जैसे रत्न बिना सलाह के धारण करने पर बीमारियों को घटाने के बजाय बढ़ा सकते हैं।