किस्मत कनेक्शन में नवदुर्गा के सातवें स्वरूप माता कालरात्रि पर चर्चा की गई. इनकी पूजा सप्तमी तिथि को की जाती है. माता कालरात्रि का स्वरूप भयंकर है, लेकिन वे भक्तों का कल्याण करती हैं, इसलिए उन्हें शुभंकरी भी कहते हैं. इनकी उपासना शत्रु और विरोधियों को नियंत्रित करने के लिए शुभ मानी जाती है. मां कालरात्रि की पूजा से भय, दुर्घटना और रोगों का नाश होता है. नकारात्मक ऊर्जा और तंत्र-मंत्र का असर समाप्त होता है. ज्योतिष में शनि ग्रह को नियंत्रित करने के लिए भी इनकी पूजा की जाती है. पूजा विधि में रात के समय घी का दीपक जलाना, लाल फूल और गुड़ का भोग लगाना शामिल है. नवार्ण मंत्र का जप करना चाहिए। गुड़ का आधा भाग परिवार में बांटना और आधा ब्राह्मण को दान करना चाहिए। शत्रु और विरोधियों के नाश की प्रार्थना न करके, उनके शांत होने की प्रार्थना करनी चाहिए। शत्रु और विरोधियों को शांत करने के लिए सफेद या लाल वस्त्र धारण कर रात्रि में पूजा करें, दीपक जलाएं, गुड़ का भोग लगाएं.