scorecardresearch

Kismat Connection: सावन के तीसरे सोमवार पर शिव के नीलकंठ, नटराज, महामृत्युंजय स्वरूप की पूजा का महत्व, जानिए

दिनांक 28 जुलाई 2025 को सावन का तीसरा सोमवार है. इस दिन भगवान शिव के तीन विशेष स्वरूपों की पूजा की जाती है. पहला स्वरूप नीलकंठ है, जिसकी उपासना से शत्रु बाधा, षड़यंत्र और तंत्र-मंत्र जैसी नकारात्मक ऊर्जा का असर नहीं होता. समुद्र मंथन के दौरान हलाहल विष पीने से भगवान शिव का कंठ नीला हो गया था, जिससे उन्हें नीलकंठ कहा गया. कार्यक्रम में बताया गया कि "ग्रहों की जितनी तरह की बाधा है, कोई कितना भी बुरा ग्रह है, कोई कितना भी बुरा तंत्र मंत्र है, नकारात्मक ऊर्जा है. ये सब केवल नीलकंठ स्वरूप की पूजा करने से दूर हो जाएगी" दूसरा स्वरूप नटराज है, जो ज्ञान, विद्या, संगीत और कला का वरदान देता है. तीसरा स्वरूप महामृत्युंजय है, जिसकी उपासना से अकाल मृत्यु से रक्षा होती है, आयु की रक्षा होती है, स्वास्थ्य का लाभ होता है और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. इस स्वरूप में भगवान शिव अमृत का कलश लेकर भक्त की रक्षा करते हैं. कार्यक्रम में 12 राशियों का दैनिक राशिफल भी बताया गया है. इसके अतिरिक्त, शयन कक्ष में पैरों की तरफ शीशा न लगाने की एक लकी टिप दी गई है, और सक्सेस मंत्र के रूप में प्रातःकाल शिवलिंग पर जल और नौ बेलपत्र अर्पित करने का सुझाव दिया गया है.