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Kismat Connection: शनिदेव पूजा के नियम और जीवित्पुत्रिका व्रत का महत्व, पंडित शैलेंद्र पाड़ेय से जानिए

किस्मत कनेक्शन कार्यक्रम में शनिदेव की पूजा के नियम और 14 सितंबर 2025 के जीवित पुत्रिका व्रत पर चर्चा हुई. शनिदेव को न्यायकर्ता और कर्मफल दाता माना जाता है, जिनकी पूजा से जीवन के कष्ट कम होते हैं और करियर में सफलता मिलती है. एक महत्वपूर्ण निर्देश दिया गया. "शनि की वो मूर्तियां जिसमें शनिदेव की आंखें होती हैं, ऐसी मूर्ति का दर्शन और पूजन नहीं करना चाहिए" शनिदेव की पूजा शनिवार को भगवान शिव या कृष्ण की उपासना के बाद करें. शाम को शनि मंत्रों का जप करें, पीपल के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं और गरीब को भोजन दान करें. तामसिक आहार से बचें. जीवित पुत्रिका व्रत संतान की रक्षा और उन्नति के लिए माताएं निर्जल उपवास रखकर करती हैं, जिसमें सूर्यदेव को अर्घ्य देकर अभिमंत्रित धागे संतान को सुरक्षा कवच के रूप में पहनाए जाते हैं.