6 अक्टूबर 2025 को शरद पूर्णिमा का विशेष संयोग है। यह अश्विन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा है, जिसे अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन चंद्रमा अपनी 16 कलाओं से युक्त होता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन चंद्रमा से अमृत की वर्षा होती है, जो आपको धन, प्रेम और स्वास्थ्य तीनों देती है। भगवान कृष्ण ने इसी तिथि पर महा रास रचाया था। शरद पूर्णिमा पर गाय के दूध से बनी खीर को चंद्रमा की रोशनी में रखने और प्रातःकाल उसका सेवन करने का विधान है। यह खीर कांच, मिट्टी या चांदी के पात्र में रखी जाती है। उपवास रखने या सात्विक आहार ग्रहण करने का भी महत्व है। माता लक्ष्मी की पूजा से साल भर संपन्नता बनी रहती है।