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Bhairav Jayanti 2025: क्या हैं भैरव के अलग अलग स्वरुप और उनकी विशेषता ? जानिए शैलेंद्र पांडेय से

किस्मत कनेक्शन के इस अंक में ज्योतिषी शैलेंद्र पांडे बता रहे हैं कि 12 नवंबर 2025 को मनाई जाने वाली काल भैरव अष्टमी का क्या महत्व है. भगवान शिव के रौद्र रूप, काल भैरव की उपासना भय, अवसाद और शनि-राहु की बाधाओं से मुक्ति के लिए अचूक मानी जाती है. कार्यक्रम में भगवान भैरव के विभिन्न स्वरूपों, उनकी पूजा विधि और सावधानियों पर विस्तार से चर्चा की गई है. पंडित जी के अनुसार, विशेष कृपा के लिए 'ओम भम भैरवाय अनिष्ट निवारणाय स्वहा' मंत्र का जाप करना अत्यंत फलदायी होता है.