नवरात्रि के आठवें स्वरूप माता महागौरी की महिमा और पूजा विधान पर चर्चा की गई। अष्टमी तिथि पर माता महागौरी की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है। भगवान शिव की प्राप्ति के लिए माता महागौरी ने कठोर तपस्या की थी, जिससे उनका शरीर गौर वर्ण का हो गया। माता सीता ने भी भगवान राम की प्राप्ति के लिए इनकी पूजा की थी। विवाह संबंधी बाधाओं के निवारण के लिए माता महागौरी की पूजा अचूक मानी जाती है। ज्योतिष में इनका संबंध शुक्र ग्रह से है.