वास्तुशास्त्र किसी निर्माण से सम्बंधित चीज़ों के शुभ अशुभ फलों को बताता है. यह किसी निर्माण के कारण होने वाली समस्याओं के कारण और निवारण को भी बताता है. यह भूमि, दिशाओं और ऊर्जा के सिद्धांत पर कार्य करता है. इसमें भी पांच तत्वों को संतुलित करने का सिद्धांत कार्य करता है. यह एक प्राचीन विद्या है, जिसको वर्तमान आधार पर समझना आवश्यक है.