सूर्य देव कर्क राशि में प्रवेश कर चुके हैं, जिसके साथ ही देवताओं की रात्रि का आरंभ हो गया है. सूर्य का किसी विशेष राशि में प्रवेश संक्रांति कहलाता है और हर महीने राशि परिवर्तन के कारण साल में 12 संक्रांतियां होती हैं. इनमें मकर संक्रांति और कर्क संक्रांति सर्वाधिक महत्वपूर्ण हैं. कर्क संक्रांति से जल तत्व की शुरुआत होती है और सूर्य दक्षिणायन होते हैं, जिससे वातावरण में तमस बढ़ता है और शुभ कार्य बंद हो जाते हैं. सूर्य के कर्क राशि में प्रवेश के समय धनु लग्न का उदय हो रहा है, जिससे दुर्घटनाओं, जल आपदा, भूकंप, भूस्खलन, राजनैतिक परिवर्तनों, महंगाई और बीमारियों की संभावना बढ़ सकती है. आम जनता के लिए समस्याएं बढ़ सकती हैं. यह परिवर्तन मेष, सिंह और धनु राशि के लिए नकारात्मक, मिथुन, कर्क, वृश्चिक, मकर और मीन राशि के लिए मध्यम, तथा वृषभ, कन्या, तुला और कुंभ राशि के लिए अनुकूल रहेगा. कार्यक्रम के अंत में एक लकी टिप और एक सक्सेस मंत्र भी बताया गया है.