आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अब जीवन के हर पहलू को प्रभावित कर रहा है. एआई खिलौने बच्चों को पढ़ाने और कहानियाँ सुनाने में सहायक हैं, वहीं युवाओं और ऑफिस कर्मचारियों के तनाव को भी कम कर रहे हैं. चीन सहित दुनिया भर में इनकी माँग बढ़ रही है. वैश्विक एआई खिलौना बाजार 2024 में 11 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक था और 2030 तक 58 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुँचने का अनुमान है. गुजरात के सूरत में मैकेनिकल इंजीनियरिंग के छात्रों ने कबाड़ से एक ड्राइवरलेस इलेक्ट्रिक मोटरसाइकिल 'गरुड़' बनाई है. यह एआई तकनीक से लैस है और बिना ड्राइवर के चल सकती है. इसे बनाने में ₹1,80,000 का खर्च आया.