बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री जब बांके बिहारी की नगरी वृंदावन पहुंचे तो जयकारों के साथ उनका स्वागत हुआ. बाबा बागेश्वर यहां सबसे पहले गोरे लाल कुंज पहुंचे, वहां भगवान के दर्शन किए. धीरेंद्र शास्त्री के यहां पहुंचने की खबर पाते ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु उनसे मिलने के लिए गोरेलाल कुंज पहुंच गए. धीरेंद्र शास्त्री ने गोरेलाल कुंज के प्रमुख महाराज जी के साथ कई दूसरे संतों से भी मुलाकात की. देखिए रिपोर्ट
भारतीय सेना इन दिनों सात समंदर पार अपने पराक्रम की मिसाल पेश कर रही है. गोरखा रेजिमेंट के जवान पिछले 10 दिनों से सेशेल्स डिफेंस फोर्सेज के साथ युद्धाभ्यास में जुटे हैं. सेशेल्स में चल रहे लामितिये ज्वाइंट एक्सरसाइज में सेमी अर्बन इलाकों में आने वाली चुनौतियों से निपटने का अभ्यास किया जाता है. इस अभ्यास में दोनों सेनाओं के 90 जवान शामिल हुए.
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में सीएम योगी आदित्यनाथ होली के रंग में रंगे दिखे. योगी आदित्यनाथ ने होली की शुरुआत भगवान गोरखनाथ की पूजा अर्चना के साथ की. उनके मंदिर में पहुंचने से पहले ही तमाम लोग उनसे होली मिलने के लिए इकट्ठा हो चुके थे. सीएम योगी मंदिर परिसर में ही लोगों के बीच बैठे और हेली के गीतों का आनंद उठाया. इसके बाद योगी रंगोत्सव के कार्यक्रम में पहुंचे.
भारत उत्सवों का देश है..यहां हर महीने कोई ना कोई बड़ा त्योहार मनाया जाता है. इस महीने अब से चंद दिनों बाद हिंदुओं के सबसे बड़े त्योहार होली का जश्न मनाया जाना है. हालांकि पूरे देश में होली का उल्लास पहले से ही छा गया है.इस उत्सव और उल्लास के बीच लोगों में कुछ दुविधा भी है. देखिए ये रिपोर्ट.
होली मतलब उत्सव, आनंद और उल्लास.. कृष्ण मथुरा में अपने सखाओं और गोपियों के साथ कुछ इसी अंदाज में होली खेला करते थे. तभी तो आज भी लोग होली खेलने के लिए मथुरा पहुंचते हैं. मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि परिसर में जमकर होली खेली गई. वहां होली खेलने के लिए देश-विदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे हुए थे. आलम ये था कि हवा में गुलाल की खुशबू घुली हुई थी. जबकि वहां मौजूद लोगों के चेहरे रंगों से पुते हुए थे. इस बीच उन पर लगातार रंगों की बौछार की जा रही थी. इस दौरान ये सभी भक्त कृष्ण भजन पर जमकर झूमते नजर आए.
देशभर में रंगों के त्योहार होली की तैयारी जोरशोर से की जा रही है. लेकिन आज काशी में रंगभरी एकादशी के साथ होली के जश्न का शुभारंभ होगा. बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक काशी विश्वनाथ मंदिर में इस दिन बाबा विश्वनाथ और पूरे शिव परिवार यानि माता पार्वती, श्री गणपति भगवान और कार्तिकेय जी का विशेष रूप से साज-श्रृंगार किया जाता है. इसके अलावा भगवान को हल्दी, तेल चढ़ाने की रस्म निभाई जाती है और भगवान के चरणों में अबीर-गुलाल चढ़ाया जाता है.
कल बरसाना में दुनिया ने होली का अद्भुत नजारा देखा. गलियां होरियारों के हल्ले से गूंज उठी. ताने और गाने के साथ बरसाने की गलियों में जमकर लट्ठमार होली की रंग जमा. लड्डू होली के दूसरे दिन बरसाना में लट्ठमार होली होती है. इस होली में नंदगांव से लोग होली खेलने आते हैं और बरसाने की गोपियों यानी महिलाओं ने उनपर जमकर लट्ठ बरसाती हैं. लट्ठ बरसाने का अधिकार यहां गुसाई परिवार की महिलाओं का होता है. ये वो परिवार है जिसे लाडलीजी के पुजारी के तौर पर जाना जाता है. आज रंग का मजमा नंदगांव में जमने वाला है.
वसंत पंचमी के दिन राधा रानी को गुलाल लगाकर ब्रज में होली महोत्सव की शुरुआत हुई...और हर नए दिन के साथ राधा, कृष्ण और गोपियों की प्रेम कहानी के अलग-अलग रंग देखने को मिल रहे हैं. बरसाना में लट्ठमार होली से पहले लड्डूमार होली खेली गई. होली के ये अलग अलग रंग सदियों से चली आ रही इसी परंपरा का हिस्सा है और बदस्तूर जारी है.
होली महज रंगों का उत्सव नहीं है. बल्कि ये जीवन के रंगों को खुद में समा लेने का उल्लास है. होली जीवन के गीतों की ऐसी रंगोली है. जिसमें लय भी है ताल भी है और फागुन को जी भरकर जी लेने का उत्साह भी है. 10 दिन बाद होली है और पूरा ब्रज अभी से होली के रंगों से रंगा नजर आ रहा है. देखिए रिपोर्ट.
होली में भले वक्त हो...लेकिन ब्रज में रंगोत्सव की आगाज पहले ही हो गया है. यहां 40 दिन चलने वाले फागोत्सव का उत्साह, हर गुज़रते दिन के साथ बढ़ता जा रहा है. देश भर के कोने-कोने से श्रद्धालु कान्हा की नगरी में होली मनाने पहुंच रहे हैं. श्री कृष्ण की जन्मभूमि, हज़ारों भक्तों की आस्था और उल्लास के रंगों से सराबोर हो गई है.