आज देश भर में हरतालिका तीज का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है. यह त्यौहार भगवान शिव और माता पार्वती के प्रेम और पुनर्मिलन का प्रतीक है, जिसमें महिलाएं अखंड सौभाग्य, सुख-समृद्धि और पति की दीर्घायु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं. मान्यता है कि माता पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की थी, जिसके बाद भगवान शिव ने उन्हें मनचाहे वर का आशीर्वाद दिया. इस दिन सोलह श्रृंगार और हरे रंग का विशेष महत्व होता है. उज्जैन में महाकाल का भव्य श्रृंगार किया गया. जो महिलाएं स्वास्थ्य कारणों से निर्जला व्रत नहीं रख सकतीं, वे सात्विक चीजों का सेवन कर पूजा-अर्चना कर सकती हैं. इस पर्व के अगले दिन, यानी बुधवार को गणेश चतुर्थी के साथ दस दिवसीय गणपति उत्सव का भी आरंभ होगा. मुंबई में लालबागचा राजा के पंडाल में तिरुपति बालाजी के अवतार में बप्पा के दर्शन होंगे, जहाँ इको-फ्रेंडली गणपति और दुबई के स्वाद वाले कुनाफा मोदक आकर्षण का केंद्र हैं.