संतान का कल्याण. एक मां की हमेशा यही कामना होती है. मां चाहे कितने ही कष्ट में क्यों ना हो. वो अपनी संतान को कभी कष्ट में नहीं देख सकती. संतान के सुख के लिए भले ही उसे ईश्वर को ही क्यों ना मनाना पड़े. संतान के कल्याण. संतान की मंगलकामना का ही व्रत है अहोई अष्टमी. मान्यता है कि अहोई अष्टमी का व्रत करने से संतान के ऊपर मंडराने वाला हर अहित हित में बदल जता है.
Welfare of children. A mother always wishes this. No matter how much pain the mother is in. She can never see her child in pain. Even if one has to convince God for the happiness of the child. Welfare of children.