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Chhath Puja: क्यों होता है 36 घंटे का निर्जला व्रत? रामायण-महाभारत से जुड़ा है संतान वरदान का रहस्य!

गुड न्यूज़ टुडे के विशेष कार्यक्रम 'प्रार्थना हो स्वीकार' में गीतिका पंत के साथ जानिए लोक आस्था के महापर्व छठ की महिमा. इस विशेष रिपोर्ट में छठ पूजा के चार दिवसीय कठिन अनुष्ठान, जिसमें 36 घंटे का निर्जला व्रत भी शामिल है, की विस्तृत जानकारी दी गई है. कार्यक्रम में एक विशेषज्ञ ने बताया कि 'षष्ठी देवी का ही लौकिक नाम छठमइया कहलाया गया है और ऐसा माना जाता है कि किसी भी व्यक्ति के जीवन में छठे दिन उसका भाग्य लिखा जाता है'. इस पर्व का पौराणिक संबंध रामायण और महाभारत काल से भी है, जब माता सीता और द्रौपदी ने भी सूर्यदेव की उपासना कर अपने परिवार के लिए सुख-समृद्धि का वरदान मांगा था. कार्यक्रम में डूबते और उगते सूर्य को अर्घ्य देने के वैज्ञानिक और आध्यात्मिक महत्व पर भी प्रकाश डाला गया है.